कोरोना तो तबाही मचा ही रहा अब इस बीमारी ने स्वास्थ विभाग की नींद उड़ा दी है
प्रतीकात्मक तस्वीर |
पूरी दुनिया में कोरोना ने पिछले २ साल से कोहराम मचा कर रखा है जिससे लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा और अभी करना पड़ रहा है। ये तो बात हुई कोरोना महामारी की लेकिन इस समय एक और पुरानी बीमारी डेंगू जो मच्छरों के काटने से फैलता है, जिसको आप भली – भांति जानते हैं , ये बीमारी पिछले महीने से बहुत जोर पर चल रहा है। काफी लोग इस भयानक बिमारी का शिकार हो रहे है। यह तक की अस्पतालों में डेंगू के मरीज इतने बढ़ गए हैं की उनके लिए बेड ही कम पड़ जा रहा है, फर्श पर ही इलाज हो रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
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मध्य प्रदेश – दरअसल यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के एक सरकारी अस्पताल का है, जहाँ पर बीते कुछ दिनों से डेंगू के मरीजों का आकड़ा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यह एक दिन में ३०० मरीज से ज्यादा के केश सामने आ रहे हैं, लोग इलाज कराने के लिए लम्बी – लम्बी कतारों में लगे हैं। आपको बता दें कि ज्यादातर मरीज ग्रामीण इलाके के हैं। मरीज इतने ज्यादा हैं कि जिला अस्पताल में मरीजों के लिए बेड ही पर्याप्त नहीं हैं , वही ज़मीन पर फर्श पे लिटा कर मरीजों का इलाज़ किया जा रहा हैं। अब जब फर्श पर जगह कम पड़ गयी तो जिला अस्पताल से मरीजों को मेडिकल कॉलेज लाया जा रहा हैं। मेडिकल कॉलेज में १०० मरीजों का वार्ड बनाकर वह उनका इलाज किया जा रहा हैं।
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रतलाम जिला अस्पताल के एक सिविल सर्जन डॉक्टर आनंद चंदेलकर जी ने हमारी टीम को बताया कि कोरोना महामारी के साथ – साथ इन दिनों डेंगू के मरीजों की संख्या में भारी मात्रा में वृद्धि होने की वजह से मरीजों के इलाज में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसकी वजह से मजबूर होकर मेडिकल कॉलेज में इसकी व्य्वस्था की गयी हैं , ताकि मरीजों को दिक्क्तों का सामना न करना पड़े। इसके बावजूद मरीज मेडिकल कालेजों में जाकर इलाज नहीं करना चाह रहे हैं, वो यही जिला अस्पताल में फर्श पर इलाज कराने के लिए तैयार है।
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इसके अलावा डॉक्टर आनंद चंदेलकर जी ने स्पष्ट बताया की बूढ़े और जवान तो डेंगू से परेशान ही हैं , अब यह बीमारी बच्चों में भी बड़ी तेजी से बढ़ने लगी हैं। खैर चिंता की कोई बात नहीं हैं, रतलाम जिले का शासकीय बाल चिकित्सालय १-२ दिन के भीतर डेंगू से पीड़ित बच्चों के लिए शुरू किया जायेगा जिससे बच्चों का सही ढंग से इलाज़ किया जा सके। बाल चिकित्सालय में ६०-६५ आईसीयू बेड होंगे जिसमे ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी। और हमे बच्चों के इलाज में ज्यादा दिक्कतों का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।
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आपको बता दें कि ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में ये बीमारी तेजी से देखने को मिल रही हैं, क्योकि ग्रामीण इलाकों में साफ़ सफाई का ध्यान थोड़ा कम दिखाई देता हैं। जैसे – कूड़े का ढेर लगा होना , बरसात का पानी जमा होना , मवेशियों के मॉल मूत्र आदि करने से मच्छर जायदा आते हैं। इसलिए दोस्तों आपसे ये अनुरोध हैं कि अपने आस – पास साफ़ -सफाई पर विशेष ध्यान दें ताकि आपको और आपके पूरे परिवार को डेंगू ही नहीं और कई तरह की खतरनाक बीमारियों का सामना ना करना पड़े।
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वैसे अब हमारी सरकार जिला अस्पतालों में बहुत सारी सुविधाओं का बंदोबस्त कर दिया हैं , जिससे हमे परेशानियों का सामना ना करना पड़े आपको अगर कोई भी लक्षण लगे जैसे सिर में दर्द, हाथ पैर में दर्द ,अगर तेज बुखार हो, जॉइंट्स में तेज दर्द हो या शरीर पर रैशेज हों तो पहले दिन ही डेंगू का टेस्ट करा लेना चाहिए। अगर लक्षण नहीं हैं, पर तेज बुखार बना रहता है तो भी एक-दो दिन के इंतजार के बाद फिजिशियन के पास जरूर जाएं। शक होने पर डॉक्टर डेंगू की जांच कराएगा। लापरवाही बिलकुल न करें।
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