Shraddha Murder News Delhi : हैवानियत ऐसी की प्रेमिका की हत्या कर लाश के 35 टुकड़े करके जंगल में फेंक दिया वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

Shraddha Murder News Delhi : हैवानियत ऐसी की प्रेमिका की हत्या कर लाश के 35 टुकड़े करके जंगल में फेंक दिया वजह जानकर चौंक जाएंगे आप






Part – 1 Part -2

Shraddha Murder News Delhi : ऐसी दरिंदगी और हैवानियत कि प्रेमिका की हत्या कर लाश के 35 टुकड़े करके जंगल और सड़क पर फेंक दिया। आखिर क्या थी उसकी वजह जिसके लिए उस दरिंदे ने लड़की को इतनी बेरहम सजा दी।  Part – 1 में आपने जाना कि कैसे-कैसे आफताब और श्रद्धा के प्यार की कहानी की शुरुआत हुई, और किस तरह यह दोनों लोग मुंबई से दिल्ली आये। चलिए आगे की कहानी बताते हैं कि आखिर हुआ क्या कैसे उसने श्रद्धा की हत्या की और कैसे उसकी लाश के 35 टुकड़े किए और दिल्ली के जंगलों और सूनसान इलाकों में रोज रात को पूरे 18 दिन तक फेकता रहा। आइए पूरी कहानी जानते हैं





नई दिल्ली : यह मामला भारत देश की राजधानी दिल्ली का है जहां की जनसंख्या लगभग 2 करोड़ के करीब है, और इस 2 करोड़ की आबादी वाले शहर दिल्ली की सुरक्षा लगभग 90000 पुलिस करती है। यही नहीं देश के सबसे बड़े नेता, मंत्री, विधायक, प्रधानमंत्री, पुलिस हेड-क्वार्टर जितने भी बड़ी-बड़ी हस्तियां हैं लगभग दिल्ली में ही सबके आवास निवास स्थित है। और इतने सारे लोगों के बीच दिल्ली में कुछ महीनों पहले की घटना है जहां एक लड़का पूरे 18 दिनों तक रोज रात को 2:00 बजे के करीब अपने पीठ पर एक बैग लेकर बिना किसी खौफ के या डर के निकलता है उसमें से कुछ पॉलिथीन निकालकर सुनसान इलाका देखकर कहीं जंगल में कहीं सड़क पर फेकता है, फिर वह आराम से वापस घर लौट कर चुपचाप सो जाता है। और यही घटना लगभग व पूरे 18 दिनों तक करता रहता है पर किसी को न दिल्ली पुलिस को और ना ही वहां के जनता को कोई भनक तक नहीं पड़ती है क्या है इसकी पूरी वजह चलिए आगे बताते हैं।









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आफ़ताब         और               श्रद्धा 






आफताब और श्रद्धा दोनों मुंबई से दिल्ली पहुंचते हैं 9 मई 2022 फिर वहां एक होटल के रूम में रुकते हैं इसके बाद 10 मई को वह अपने एक दोस्त के संपर्क में आते हैं जो दिल्ली के छतरपुर में रहता है और उसके साथ कुछ दिन उसके घर रहतें है फिर उसके दोस्त ने बोला कि अब तुम यहीं पे कहीं अपना एक घर ढूंढ लो। इसके बाद छतरपुर में ही दोनों एक घर ढूंढ लेते हैं जिसका नंबर House No. D93/1 था। अब दोनों उसी घर में एक साथ पति-पत्नी की तरह रहने लगे। उनकी रिश्ते को लेकर 2018-2022 तक 2-3 साल हो गया था तो श्रद्धा आफ़ताब से शादी के लिए कहने लगी लेकिन आफताब हर बार उसकी बात को टाल  देता। और कहता हम लोग तो ठीक से तो रह रहे हैं फिर शादी की भी क्या जरूरत है इन्हीं सब बात को लेकर दोनों में काफी झगड़ा होता और फिर सुलह हो जाती।अब दिल्ली आये उन दोनों को 10 दिन हो जाते है, 18 मई की वो तारीख जिस दिन इस दरिंदगी और हैवानियत की हद पार हुई आइये उसको जान लेते हैं।

 










इस वारदात को अंजाम तो 18 मई 2022 को ही दिया गया था लेकिन इतने दिनों तक किसी को यह खबर ही नहीं थी कि श्रद्धा मर चुकी है। सितंबर का महीना का श्रद्धा के भाई के पास  श्रद्धा के कुछ दोस्तों ने फोन किया कि श्रद्धा जब से मुंबई से दिल्ली गई है उसके 10 दिन बाद से श्रद्धा के फोन पर ट्राई कर रहा तो 4 महीनों से तो उसका फोन स्विच ऑफ है। फिर उसने श्रद्धा के पिता को बताया उसके बाद श्रद्धा के पिता घबरा गए फिर यह सोच के कि कहीं उनकी बेटी के साथ कोई हादसा ना हो गया हो। यह सब कुछ सोच कर उन्होंने पालघर के लोकल पुलिस स्टेशन में अपनी बेटी के गुमशुदा की रिपोर्ट लिखाई। लेकिन जब पुलिस को यह पता चला कि श्रद्धा 8 मई को ही दिल्ली आ गई तो उन्होंने वह रिपोर्ट मेहरौली पुलिस स्टेशन में दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर कर दिया। 9 नवंबर 2022 को श्रद्धा के पिता विकास दिल्ली मेहरौली पुलिस स्टेशन पहुंचते हैं और सारी कहानी बताते हैं। फिर पुलिस वाले श्रद्धा और आफताब की तस्वीर लेते हैं इसी तरह आफताब का नंबर मिलता है।  इसके बाद आफताब का नंबर सर्विलांस पर डालकर किसी तरह आफताब को गिरफ्तार करते हैं। इसके बाद उस हैवान ने इस दरिंदगी की पूरी कहानी अपने मुंह से ही सुनाई चलिए आगे जानते हैं।

 










पहले तो उसने पुलिस को बोला कि 18 मई को मेरे और श्रद्धा के बीच में थोड़ा सा कहा-सुनी हुआ और वह गुस्सा होकर बोली अब मैं दिल्ली से मुंबई जा रहे हैं इसके बाद मैंने उसका फोन ट्राई किया तब से स्विच ऑफ आ रहा है लेकिन जब पुलिस उसको महरौली थाने में ले आई और थोड़ा प्रेशर दी तब उसने इस पूरी वारदात की कहानी बेख़ौफ़ अपने मुंह से ही सुनाने लगा। 

उसने बताया कि 18 मई 2022 की रात जब हम लोग खाना खाकर सोने जा रहे थे तब हमारे बीच शादी को लेकर झगड़ा शुरू हुआ और कहा-सुनी में झगड़ा इतना ज्यादा बढ़ गया कि मुझे गुस्सा आया और मैंने श्रद्धा का गला तब तक दबाए रखा जब तक कि वो उसकी सांसे टूट नहीं गई। जब वह मर गई फिर मैं आराम से रात भर सोया सुबह उठा जोमैटो से खाना ऑर्डर किया खाया उसके बाद बाजार चला गया। बाजार से मैंने एक बड़ी सी फ्रिज, एक आरी, एक पिट्ठू बैग, और कुछ पॉलिथीन के पैकेट लेकर मैं घर आया और उसकी लाश को बाथरूम में ले जाकर कुछ टुकड़े किया और पॉलिथीन में भर के फ्रिज में रख दिया।


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जिस फ्रिज में वह श्रद्धा की लाश के टुकड़े रखता उसी फ्रिज में उसके पीने का पानी भी था चाय बनाने के लिए दूध भी उसी में था। फिर उसने बताया कि उस दिन उसने लाश के आधे ही टुकड़े कर पाए थे और बाकी के बचे आधे लाश को भी उसने उस फ्रिज में किसी तरह रख दिया। इसके बाद उसने खाना खाया फिर सो गया रात के 2:00 बजे वह फ्रिज में से कुछ पॉलिथीन के पैकेट निकालकर बैग में डाला और रूम बंद करके बाहर निकल गया और किसी सुनसान जगह जंगल जैसे इलाके में बैग से टुकड़े को निकाल कर फेंका और फिर आराम से वापस घर आकर सो गया। फिर सुबह उसने उसी फ्रीज से दूध निकाला चाय बनाई, चाय पिया उसके बाद लाश के बचे टुकड़े को बाथरूम में ले गया और उसके टुकड़े करके पॉलिथीन में भरकर फ्रिज में रख दिया और बाथरूम को अच्छी तरह से धोया पूरे घर में परफ्यूम मार दिया ताकि लाश की बदबू बाहर तक ना जाए और किसी को पता ना चले।


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फिर फिर रात को 2:00 बजे वह फ्रिज से कुछ पॉलीथिन के पैकेट बैग में डालता है और रूम बंद करके बाहर जाता है बैग से पैकेट निकालता है और सुनसान जगहों पर फेंकता है फिर वापस घर आ कर सो जाता है।  इस चीज को वह पूरे 18 दिनों तक लगातार करता रहा और ना तो दिल्ली पुलिस को ना ही वहां की किसी जनता को भनक तक नहीं लगी कि आखिर यह रोज रात 2:00 बजे कहां जाता है क्या करता है किसी को कुछ पता नहीं रहता। यह सारी घटना उसने पुलिस को खुद अपने मुंह से बताई ।  यह सारी घटना सुनकर पुलिस के रोंगटे खड़े हो गए आफताब ने कहा कि वह लाश के टुकड़ों को इसलिए करता रहा और अलग-अलग जगहों पर इसलिए फेंकता था कि कभी पुलिस को कुछ पता ना चल सके अगर एक टुकड़ा हाथ लग भी जाए तो लाश का पता न लगे कि आखिर यह लाश है किसकी। लेकिन कहा गया है कि भाई जुर्म कितना भी भयानक या छोटा क्यों ना हो कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं।  अपराधी पकड़ा गया है उसके ऊपर कार्यवाही हो रही है और सारी जानकारियां जुटाने की कोशिश की जा रही है और लाश के टुकड़ों को खोजने की कोशिश जारी है। 


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