फाइल फोटो PM मोदी |
किन-किन जिलों को आपस में जोड़ता है यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे-
इस एक्सप्रेस वे की खासियत यह है कि यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 9 जिलों से होकर गुजरता है जिसमें यह लखनऊ से शुरू होकर बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ, होते हुए गाजीपुर में जाकर समाप्त होता है। और इसमें कई सारे लिंक एक्सप्रेसवे रोड भी जोड़े गए हैं जो वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर और प्रयागराज (इलाहाबाद) को आपस में जोड़ते हैं।अगर आपका सफर 10 घंटे का है तो इस एक्सप्रेसवे के जरिये आप 3 से 4 घंटे में अपनी यात्रा को पूरी कर सकते हैं लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आप इस पर आराम से गाड़ी चला सकते हैं।
प्रतीकात्मक तस्वीर |
इस एक्सप्रेस वे की लागत और समय कितना है-
इस 341 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की कुल लागत लगभग 22495 करोड़ रुपए है, जिसमें लोगों की अधिग्रहित भूमि की कीमत भी शामिल है। इसको बनाने में कुल 36 महीने का समय लगा जोकि देखा जाए तो एक तरीके से बहुत कम हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार की तरफ से यह एक बड़ी उपलब्धि के रूप में जनता को तोहफा मिला है। एक्सप्रेसवे के बनने से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और पूर्वांचल का रोड संपर्क बहुत अच्छा हो गया है।अगर आपको गाजीपुर से लखनऊ जाना है तो आपको महज कुछ ही घंटे लगेंगे। इससे आपकी ईधन की बचत, आप के समय की बचत और दुर्घटना होने का खतरा भी कम रहेगा।
इस एक्सप्रेसवे की अवधि कितनी निश्चित की गई है-
आपको बता दें इस एक्सप्रेसवे को 100 साल की अवधि के हिसाब से तैयार किया गया और इसके डिजाइन में खास बातों का ध्यान रखा गया है ताकि लोगों की सुरक्षा और समय की बचत दोनों हो सके। इस 341 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे पर 18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवर ब्रिज, 7 बड़े पुल, 118 छोटे पुल, 13 इंटरचेंज (उतरने और चढ़ने के लिए) और 8 टोल प्लाजा और इसके साथ 271 अंडर पार्क भी बनाए गए हैं। कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो यूपी सरकार के द्वारा पूर्वांचल के लिए यह एक बेहतर कनेक्टिविटी का काम किया गया है।
इस एक्सप्रेसवे पर उतर सकता है वायु सेना कोई भी हवाई विमान-
इस एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इस पर सिर्फ गाड़ियां ही नहीं दौड़ेंगी बल्कि वायु सेना के किसी भी विमान को आसानी से उतारा जा सकता है। अगर देखा जाए तो यह एक्सप्रेसवे एक तरीके से हवाई पट्टी का भी काम करेगा, जहां किसी भी परिस्थिति में किसी भी वक्त विमानों को उतारा जा सकता है। बीते हुए कल 16 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विमान इसी एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर उतरा। और साथ ही वायु सेना के कई सारे लड़ाकू विमानों को उतारा गया। इस बात से यह पता चलता है कि इस एक्सप्रेसवे को किन-किन खास बातों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया और इससे महज 3 साल के अंदर सफलतापूर्वक तैयार कर दिया गया।